गीत
गीत
- -क्षेत्रपालशर्मा, शान्तिपुरम ,सासनीगेट,अलीगढ
फूलों जैसे उठो खाट से
बछडों जैसी भरो कुलान्चे
अलसाये मत रहो कभी भी
थिरको एसे जग भी नान्चे
नेक भावना रखो हमेशा
जियो कि जैसे चन्दा तारे
एसे रहो कि तुम सब के हो
और सभी है सगे तुम्हारे
फूलो फलो गाछ हो जैसे
बोलो बहता नीर
कान्टे बनकर मत जीना तुम
हरो परायी पीर
कहना जो है सो तुम कहना
सन्कट से भी मत घबराना
उजियारे के लिये सलोने
झान -ज्योति का दीप जलाना
मत पडना तुम हेर फेर में
जीना जीवन सादा प्यारा
दीप सत्य है एक शस्त्र है
होगा तब हीरक उजियारा
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