Sunday, April 28, 2013


          गीत
         .....क्षेत्रपाल शर्मा
साठे मन पर मौसम की मार I
जीत आपकी हम गए हार II
फूल हो , तितली हो या हो अवतार,
बोल हैँ कि रिमझिम- सी प्यारी झनकार,
चितवन है, भावोँ की भाषा श्रृगार,
टोना है , टमना है , जादू हथियार
शिकवोँ से सराबोर , मोहक मनुहार I
जीत आपकी....             II
फूलौँ से लदगद मेँ उलझ-उलझ जाएँ
गीली-सी पगडँडी पर मेघा हरषाएँ
चेहरे पर इंद्र- धनु
गुजरे पल , क्षण-प्रतिक्षण एसे  तरसाएँ
कहने को बाकी क्या ! इत्ता‌सा प्यार I
जीत आपकी ....                                II